5 Easy Facts About Shodashi Described

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

Inside the context of ability, Tripura Sundari's magnificence is intertwined along with her strength. She's not simply the symbol of aesthetic perfection but also of sovereignty and triumph over evil.

When Lord Shiva read with regards to the demise of his wife, he couldn’t Management his anger, and he beheaded Sati’s father. Still, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s lifestyle and bestowed him that has a goat’s head.

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥

The Tripurasundari temple in Tripura state, regionally generally known as Matabari temple, was initially Launched by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, although it was Shodashi most likely a spiritual pilgrimage web-site For several generations prior. This peetham of electrical power was at first meant to be described as a temple for Lord Vishnu, but on account of a revelation which the maharaja had inside a desire, He commissioned and set up Mata Tripurasundari within just its chamber.

यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता

ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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